‘भलाई की सप्‍लाई” की शुरूआत

Ali husain मंदसौर, शामगढ़ के निवासी श्री विशाल डाबी द्वारा जिला स्तरीय प्रयोजन मन से मंदसौर वेबसाइड के माध्यम से भलाई की सप्‍लाई नाम की एक संस्‍था का संचालन किया है। अनाथों और गरीबों की मदद का सिलसिला शुरू किया है। इसको ‘भलाई की सप्‍लाई’ नाम दिया गया है। इस संस्‍थान के माध्‍यम से अनाथों, बुजुर्गों और गरीब बच्‍चों के लिए मदद करते है। कल तक जो बच्‍चे अनाथ और गरीब होने से सड़कों पर भीख मांगते थे, वही बच्‍चे आज स्‍कूल जा र‍हे हैं। बेसहारा बुजुर्गों को अब रात को भूखा नही सोना पड़ता। इसकी वजह है ‘भलाई की सप्‍लाई’ जो इनका सहारा बन चुकी है।

‘भलाई की सप्‍लाई” की शुरूआत
ट्रेन कि यात्रा के दौरान हुईं, यात्रा के दौरान एक दिव्‍यांग व्यक्ति से मुलाकात हुई, जो कि सर्दी से कांप रहा था। उसकी हालत देख श्री विशाल ने अपनी जैकेट उतार कर पहना दी। इसके बाद ही मदद का जज्‍बा और मजबूत हो गया और ‘भलाई की सप्‍लाई’ की नींव की शुरुआत हुई।

बन चुके हैं कई ग्रुप

‘भलाई की सप्‍लाई’ करने वाले सेल्‍फी लेते हैं और आपस में शेयर करते हैं, जिससे दूसरों को भी प्रेरणा मिलती है। इसी से शामगढ़ के बाद मंदसौर में दो ग्रुप बन चुके हैं। इसी कड़ी में अब नीमच, रतलाम से होते राजस्‍थान के प्रतापगढ़ तक में ‘भलाई की सप्‍लाई’ का आगाज हो चुका है।

करते हैं बर्थ सेलीब्रेशन

ऐसे बच्‍चे जो अनाथ और बेसहारा है, उनके बर्थ डे पर साथियों के साथ रेस्‍टोरेंट ले जा कर केक काटने के साथ ही जश्‍न मनाया जाता है और रेस्‍टोरेंट में ही खाना खिलाया जाता है।

नए-नए ग्रुप बन रहे

अब तो मंदसौर में ही दो ग्रुप बन गए हैं, जो कि भलाई की सप्‍लाई कर रहे हैं। इसी तरह नीमच, रतलाम के अलावा प्रतापगढ़ (राजस्‍थान) तक से फोन आए है, जो ऐसे ही ग्रुप बना रहे हैं।

शामगढ एवं सुवासरा में करते है मेडिकल का संचालन

आज शामगढ़ के साथ-साथ मेडिकल का सुवासरा, गरोठ, आलोट, मंदसौर तक ग्रुप बन चुके हैं और सेवा संचालित कर रहे हैं। शामगढ़ के साथ सुवासरा में भी शासकीय भवन मेडिकल उपकरण हेतु प्रदान किया गया है, जो की शासकीय अस्पताल में है।

शुरुआत में इन्होंने पक्षियों के लिए जल पात्र वितरण, गायों के लिए पानी की टंकियां, गली-गली मोहल्ले मोहल्ले में रखवा, ठंड में लोगों को कंबल बांटना, बच्चों को स्वेटर बांटना, स्कूली बच्चों को स्कूल बैग, पाठ्य सामग्री बांटना का प्रयास किया। उसके बाद इस काम में जनता का सहयोग मिलने लगा। कोविड से पहले भलाई की सप्लाई के द्वारा निशुल्क कोचिंग भी चलाई जाती थी। जिसमें की 90 बच्चों को पढ़ाया जाता था।

बाढ़ के समय भी जन सहयोग से कार्य किया। प्रति वर्ष तीन ट्राईसाईकिल दिव्यांग व्यक्तियों को जन सहयोग से प्रदान करते हैं, 10 लाख से ज्यादा के मेडिकल उपकरण जन सहयोग से एकत्रित किए। जिनका लाभ जनता को मिल रहा है। इसी के साथ-साथ नगर परिषद के साथ जुड़कर स्वच्छ भारत के अंतर्गत डस्टबिन वितरण किया।

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